-सुवास आम्बोटेली
यो पल्ट, शहरमा बैश बेचियोंरहरै रहरमा बैश बेचियों
राराको कुवामा अन्जुली भरेर
खाडीको नहरमा बैश बेचियों
जीवनको मधुरस राखेर धितो
आश्चर्य ! जहरमा बैश बेचियों
जीन्दगी उतै छ,हाउगुजी हाउ
अल्लारे ठहरमा बैश बेचियों
यो पल्ट, शहरमा बैश बेचियों
रहरै रहरमा बैश बेचियों
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